( पंजी. यूके 065014202100596 )
नमो दुर्गतिनाशिन्यै मायायै ते नमो नमः, नमो नमो जगद्धात्र्यै जगत कर्ताये नमो नमः,
नमोऽस्तुते जगन्मात्रे कारणायै नमो नमः, प्रसीद जगतां मातः वाराह्यै ते नमो नमः ।
माँ वाराही जी की आरती

माँ वाराही जय-जय, मइया वाराही जय-जय |
मणिपूरक मणिबंधन, पाँव सजे तेरे || ऊँ माँ वाराही जय-जय
लाल चुनर माँ ओढ़े, माँग सिंदूर धरती |
दुष्ट दलों को हनती, जग पावन करती || ऊँ माँ वाराही जय-जय
कानन कुंडल शोभत, मुकुट भव्य भाता |
माथ पे बिंदिया राजत, छत्र है छवि पाता || ऊँ माँ वाराही जय-जय
क्षमा राखि मम् अवगुण, ज्ञान ज्योति करिए |
सब विधि होहुँ सहायक, भक्त मान रखिए || ऊँ माँ वाराही जय-जय
सकल निरामय अंबुज, तुम्हरे पग साजे |
केहिं विधि करूँ वंदना, अनहद स्वर बाजे || ऊँ माँ वाराही जय-जय
परमेश्वरि! अतुलेश्वरि! भुवनेश्वरि! माता |
विश्वेश्वरी, अधीश्वरि! जग में विख्याता || ऊँ माँ वाराही जय-जय
रूप वराह धरे प्रभु, तुम तब शक्ति बनीं |
प्रखर दीप्त मुखमंडल, सब जग तेज करी || ऊँ माँ वाराही जय-जय
तुम्हीं चंडिका, काली, महागौरि!राधा |
तुम्हीं चंचला, लक्ष्मी, हर लो सब बाधा || ऊँ माँ वाराही जय-जय
सई नदी के तीरे, माँ मंदिर सोहै |
भव्य, अनोखा, अनुपम, दिव्य रूप मोहै || ऊँ माँ वाराही जय-जय
अपनी गोद बिठाती, भक्त जो बन जाता |
शार्दूल बन वाहन, इच्छित वर पाता || ऊँ माँ वाराही जय-जय